जा माफ़ किया जी ले अपनी मर्ज़ी की ज़िन्दगी ,
हम मोहब्बत के बादशाह है बेवफाओं को मुँह नहीं लगाते।😢 💔 😒
उसकी हसरत है मुझे बर्बाद होते देखे,
और मेरी तमन्ना है की में आबाद हो जाऊ..😢 😭
मेरा कत्ल करने की उसकी साजीश तो देखो……
करीब से गुज़री तो चेहरे से पर्दा हटा लिया
आज मुझे चोट लगी तो खून लाल ही निकला,
मैने सोचा था यह भी मेरे महबूब की तरह बदल गया होगा??
जो उड गये परिंदे उनका क्या अफसोस करें….
यहां तो पाले हुए भी गैरों की छतों पर उतरते हैं…!!!😢 💔 😒
वो आज करती है नज़र अंदाज़ तो बुरा न मान,
टूट कर चाहने वालों को रुलाना रिवाज है इस दुनिया का !!😢 💔 😒
गलती उनकी नही
कसूरवार मेरी गरीबी थी दोस्तों
हम अपनी औकात भूलकर बड़े लोगों से दिल ❤ लगा बैठे
है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको.
ये तो शौक है मेरा ददॅ लफ्जो मे बयां करने का, नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है.
हर शख्स परिन्दोँ का हमदर्द 💔नही होता दोस्तोँ..
बहुत बेदर्द बैठे हैँ दुनिया मे जाल बिछाने वाले…!!
डूबे हुओं को हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारो….. और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमे ही उतारा गया…!
उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब सिलसिला था;
अपना भी नहीं बनाया और किसी का होने भी नहीं दिया।😢 💔 😒
तेरी औकात ही क्या है रुह मे मेरे बसने की…!!!?
हम तो शायर है..लोगों की नस_नस में बस जाते है…!!😢 💔 😒
भरम है ..
तो भरम ही रहने दो ….
जानता हूं मोहब्बत नहीं है …
पर जो भी है … कुछ देर तो रहने दो😢 💔 😒
क्यूँ दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्ज़ा देते हैं,
हमने आज तक नहीं सुना कि खुदा ने बेवफाई की हो…!!!😢 😭
अज़ब माहौल है मेरे ‘मुल्क’ का, मज़हब थोपा जाता है, ‘इश्क’ रोका जाता है !!
चाहत देस से आनेवाले ये तो बता के सनम कैसे हैं ..?
दिलवालों की क्या हालत हैं, यार के मौसम कैसे हैं …😢 💔 😒
सो जाओ दोस्तों यु रात भर जागने से मुहाबत लोट क्र नही आती !
उंगलिया आज भी इस सोच में गुम है
उसने कैसे नए हाथ को थामा होगा..😢 😭
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभालकर,
वरना मैं अभी दे दूँ,
जिस्म से रूह निकालकर…
इश्क लिखना चाहा तो कलम भी टूट गयी….
ये कहकर अगर लिखने से इश्क मिलता तो आज इश्क से जुदा होकर कोई टूटता नही😢 😭
शाख से फूल तोड़कर मैंने सीखा
अच्छा होना गुनाह है इस जहाँ में😢 😭
लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे…!! मोत अछी है मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं…!!
मेरे चुप रहने से नाराज़ ना हुआ करो…
कहते है टूटे हुए लोग हंमेशा ख़ामोश हुआ करते है ..😢 💔 😒
जो कभी मेरी उदासी की वजह पूछा करता था अब उसको मेरे रोने 😭 से भी फर्क नहीं पढ़ता।😢 💔 😒
तेरी अब कोई चाहत ना रही,
ज़िन्दगी अब तेरी हमे जरूरत नही रही,
हमने खुद ही पोछ लिए तेरे इंतज़ार में आये आँसू
अब तेरे होने की ओर ख्वाहिश ना रही.
किसी ने कहा था महोब्बत फूल जैसी है!!कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा!
ख्वाब मत बना मुझे.. सच नहीं होते,
साया बना लो मुझे.. साथ नहीं छोडेंगे..!!😢 😭
वो सुना रहे थे अपनी वफाओं के किस्से हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए।😢 💔 😒
रात भर जागता हूँ एक एसे सख्श की खातिर…
जिसको दिन के उजाले मे भी मेरी याद नही आती..😢 💔 😒
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग..😢 💔 😒
वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने,
अब से जल्दी सोया करेंगे ,
मोहब्बत छोड दी मैँने….😢 💔 😒
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह..
फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना… ??😢 😭
याद मीठी सी दिलाकर चले गए !
दिल हमारा साथ उठा कर चले गए !!
सबे महफिल देखती ही रह गई !
वो मस्त ऑखों से पिलाकर चले गए !!
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको,
यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।😢 😭
मेरा कत्ल करने की उसकी साजीश तो देखो……
करीब से गुज़री तो चेहरे से पर्दा हटा लिया
बिछड़ के तुमसे ज़िन्दगी सज़ा लगती है
ये सांस भी जैसे मुझसे ख़फ़ा लगती है
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किससे करूँ
मुझको तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफा लगती है.😢 💔 😒
खुदगर्ज ही सही,कुछ भी कहो
पर सुनो,तेरी जरूरत है मुझे….!!😢 💔 😒
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे ।
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दाश्त कर सकूँ ।।😢 😭
#सब_शायर ☝📝 #खामोश 😔 हैं #ऐसे, 😒 #किसी_बेवफा 💃 ने #ज़हर_दे 😰 #दिया हो #जैसे…😤😏
चाह से ज्यादा, चाहने की चाह,
मुझे भी थी उसे लेकिन क्या फायदा ऐसी चाह का,
जो चाहकर भी ना बन सके मेरी चाह😢 😭
तेरी आँखों में जब से मैंने
अपना अक्स देखा है,
मेरे चेहरे को कोई आइना
अच्छा नहीं लगता।
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता ……,
बात करना न सही , तुझे देखना तो नसीब होता…….!!😢 💔 😒
खूश्बु कैसे ना आये मेरी बातों से यारों,
मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है ।😢 😭
ना जाने क्या कमी है मुझमें,
ना जाने क्या खूबी है उसमें,
वो मुझे याद नहीं करती,
मैं उसको भूल नहीं पाता 😢 💔 😒
परछाइयों के शहर की तन्हाईयाँ ना पूछ;
अपना शरीक-ए-ग़म कोई अपने सिवा ना था।
बड़ी दूर चले आए थे तेरे झूंठे वादों को सच्चा मान,
मुहब्बत के पंखों से दिखाउंगा अब तुझे मैं नफरत की उड़ान.😢 💔 😒
तेरे ना होने से बस इतनी सी कमी रहती है
मै लाख मुस्कुराउ आखो मे नमी सी रहती है.😢 😭
जोश-ए-जुनूँ में लुत्फ़-ए-तसव्वुर न पूछिए,
फिरते हैं साथ साथ उन्हें हम लिए हुए।
उसने दरिया में डाल दी होगी
मेरी मोहब्बत भी…. एक नेकी थी😢 😭
लिखना तो था के हम खुश है उसके बिना
मगर आसू निकल पड़े कलम उठाने से पहले😢 😭
तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है,
तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..!!
मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!
भरोसा जितना कीमती होता है
धोका उतना ही महँगा हो जाता है।
वक़्त मिला उसे तो हमें भी याद कर ही लेगा वो,
फ़ुरसत के लम्हों में हम भी बड़े ख़ास हैं उसके लिए.😢 😭
थोड़ी थोड़ी ही सही मगर बातें तो किया करो ,
चुप रहते हो तो भूल जाने का एहसास होता है।
अपना ही समझते हैं तुम्हें दिल-ओ-जाना हम तुम्हें;
दुश्मनों को तो कभी दिल में बसाया नहीं जाता।😢 😭
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे !
बारिश की बूँद भी अगर उन्हें छू ले.
तो दिल में आग लगजाती है …..😢 😭
उसने दरिया में डाल दी होगी
मेरी मोहब्बत भी…. एक नेकी थी😢 😭
अगर फुर्सत के लम्हों में मुझे याद करते हो तो अब मत करना,
क्योंकि मैं तन्हा जरूर हूँ … मगर फ़िज़ूल बिलकुल नहीं…😢 💔 😒